ICC के दो नियमों से नाखुश हैं पूर्व इंग्लिश कप्तान, दिया बदलने का सुझाव
नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) द्वारा हाल ही में लागू किए गए कुछ नियमों को लेकर क्रिकेट जगत में लगातार बहस हो रही है। खासकर इंग्लैंड के दो पूर्व दिग्गज कप्तान एलिस्टर कुक और माइकल वॉन ने इन नियमों पर नाराज़गी जताई है और साफ कहा है कि टेस्ट क्रिकेट को बचाने के लिए बदलाव की ज़रूरत है।
कौन से नियमों पर जताई आपत्ति❓
कुक और वॉन दोनों ने ICC के दो बड़े नियमों पर सवाल उठाए हैं:
- 1. सॉफ्ट सिग्नल नियम: अंपायर का ‘सॉफ्ट सिग्नल’ सिस्टम, जिसे हाल ही में हटा दिया गया, पहले से ही विवादों में रहा है। लेकिन इसके स्थान पर जो सिस्टम आया है, उस पर भी कई खिलाड़ी सवाल उठा रहे हैं।
- 2. ओवर रेट पेनल्टी: टेस्ट क्रिकेट में स्लो ओवर रेट के कारण टीम के अंक काटने और खिलाड़ियों की मैच फीस काटने के नियम को लेकर दिग्गजों का मानना है कि यह खेल की मूल भावना के खिलाफ है।
एलिस्टर कुक का बयान
इंग्लैंड के पूर्व ओपनर और कप्तान एलिस्टर कुक ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट का आकर्षण उसकी लंबाई और रणनीति में है। उन्होंने माना कि धीमी ओवर गति पर पेनल्टी लगाना खेल की गंभीरता को कम कर देता है। कुक के अनुसार, दर्शकों को पांच दिन के खेल का असली मज़ा तभी मिलेगा जब खिलाड़ियों को बिना दबाव के खेलने दिया जाए।
“ओवर रेट के लिए लगातार दंड देना खिलाड़ियों पर मानसिक दबाव बढ़ाता है। इससे खेल की क्वालिटी पर असर पड़ता है और टेस्ट क्रिकेट का रोमांच कम हो जाता है।” – एलिस्टर कुक
माइकल वॉन की राय
पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने भी इस मामले पर अपनी राय रखी। उनका कहना है कि टेस्ट क्रिकेट पहले ही दर्शकों की संख्या में गिरावट का सामना कर रहा है और ऐसे नियमों से हालात और खराब हो सकते हैं। वॉन ने सुझाव दिया कि ICC को खेल को आकर्षक बनाने के लिए आधुनिक समय के हिसाब से लचीले नियम लागू करने चाहिए।
“टेस्ट क्रिकेट को दिलचस्प बनाए रखने के लिए हमें ऐसे नियम चाहिए जो खिलाड़ियों और दर्शकों दोनों के लिए फायदेमंद हों। सख्त दंड लगाने से खिलाड़ी दबाव में आ जाते हैं और मैच का मज़ा कम हो जाता है।” – माइकल वॉन
टेस्ट क्रिकेट की गिरती लोकप्रियता
यह कोई छुपी बात नहीं है कि टेस्ट क्रिकेट आज के समय में T20 और वनडे के मुकाबले पीछे होता जा रहा है। जहां एक ओर फटाफट क्रिकेट दर्शकों को तुरंत मनोरंजन देता है, वहीं पांच दिन का लंबा खेल युवाओं को आकर्षित करने में नाकाम हो रहा है। ऐसे में यदि ICC लगातार सख्त नियम लागू करेगा, तो खिलाड़ियों और दर्शकों दोनों की रुचि और कम हो सकती है।
विशेषज्ञों की राय
कई अन्य विशेषज्ञ भी इस बहस में शामिल हो चुके हैं। उनका कहना है कि टेस्ट क्रिकेट को ‘क्लासिक’ बनाए रखने के लिए उसमें अनावश्यक दंडात्मक नियम नहीं होने चाहिए। इसके बजाय खेल को सरल, रोमांचक और तकनीकी बनाना चाहिए।
आगे का रास्ता
कुक और वॉन के सुझावों को देखते हुए क्रिकेट प्रेमियों का भी यही मानना है कि ICC को खिलाड़ियों और बोर्ड से बातचीत करके संतुलित फैसले लेने चाहिए। यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि टेस्ट क्रिकेट की प्रतिष्ठा और रोमांच दोनों बरकरार रहें।
निष्कर्ष ♦️
ICC के नियमों को लेकर पूर्व दिग्गजों की आपत्ति साफ करती है कि क्रिकेट जगत में अब भी कई बदलावों की ज़रूरत है। टेस्ट क्रिकेट को जिंदा रखने के लिए खिलाड़ियों की बात सुनना और दर्शकों की पसंद को ध्यान में रखना सबसे अहम है। यदि आने वाले समय में इन नियमों में सुधार होता है, तो टेस्ट क्रिकेट का भविष्य सुरक्षित रहेगा।
लेखक: Match Samachar
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