अगर शुभमन गिल हाथ मिलाने आते तो इंग्लैंड टीम मैदान छोड़ देती - बेन स्टोक्स का बयान
नई दिल्ली, 28 जुलाई: भारत और इंग्लैंड के बीच जारी टेस्ट सीरीज़ में एक नया विवाद तब सामने आया जब भारतीय ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने आखिरी पलों में अपना अर्धशतक पूरा करने के लिए सिंगल लिया, जबकि नॉन-स्ट्राइकर एंड पर खड़े शुभमन गिल ने हाथ मिलाने की कोशिश की थी। इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने इस स्थिति पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि "अगर गिल ने हाथ मिलाया होता, तो इंग्लैंड की टीम मैदान छोड़ देती।"
क्या हुआ था मैदान पर❓
चौथे टेस्ट के अंतिम दिन भारत की पारी समाप्ति की ओर थी और इंग्लैंड की हार लगभग तय थी। स्कोरबोर्ड के मुताबिक भारत जीत की ओर अग्रसर था और इंग्लिश खिलाड़ी शुभमन गिल से हाथ मिलाने के लिए बढ़े थे। लेकिन जडेजा ने उस समय एक रन लेकर अपना अर्धशतक पूरा किया, जिससे इंग्लिश खेमे में नाराज़गी देखने को मिली।
बेन स्टोक्स का बयान
मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने कहा, "हमें खेल भावना की उम्मीद थी। अगर गिल हाथ मिलाने आता तो हम मैदान से चले जाते। लेकिन जडेजा ने निजी उपलब्धि के लिए टीम स्पिरिट की अनदेखी की।"
स्टोक्स के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। कुछ लोग जडेजा की आलोचना कर रहे हैं जबकि कुछ उन्हें समर्थन दे रहे हैं।
रवींद्र जडेजा की प्रतिक्रिया
जडेजा ने इस पर कोई सीधा जवाब नहीं दिया लेकिन उनके नजदीकी सूत्रों का कहना है कि वे "टीम के स्कोर को आगे बढ़ाना चाहते थे" और "कोई अपमान करने का उद्देश्य नहीं था"।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
- @cricketlover: "जडेजा की मंशा गलत नहीं थी, लेकिन समय का चयन गलत था।"
- @EngFan: "बेन स्टोक्स सही हैं, खेल भावना ज़रूरी है।"
- @IndianSupporter: "50 रन पूरा करना अपराध नहीं है।"
क्या कहता है क्रिकेट का नियम❓
ICC के नियमों के मुताबिक, जब तक अंपायर आधिकारिक रूप से मैच समाप्त घोषित नहीं करते, तब तक बल्लेबाज रन बना सकते हैं। इसलिए जडेजा का रन लेना नियमों के अंतर्गत आता है। हालांकि, यह खेल भावना के अनुरूप था या नहीं – यह बहस का विषय है।
भविष्य पर असर❓
यह घटना भले ही एक छोटी सी बात लगे, लेकिन यह दोनों टीमों के बीच तनाव बढ़ा सकती है। आने वाले मैचों में इसका असर देखने को मिल सकता है।
क्रिकेट में "स्पोर्ट्समैनशिप" की अहमियत
क्रिकेट को "जेंटलमैन का खेल" कहा जाता है, जहां खेल भावना को सबसे ऊपर माना जाता है। हाल के वर्षों में ऐसे कई मौके आए हैं जहां खिलाड़ियों ने खेल भावना का उदाहरण दिया है, जैसे धोनी द्वारा बल्लेबाज को रन आउट नहीं करना या केन विलियमसन का शांत स्वभाव।
निष्कर्ष ♦️
रवींद्र जडेजा का रन लेना नियमों के अनुसार सही था, लेकिन इंग्लैंड की टीम ने इसे खेल भावना के खिलाफ माना। कप्तान स्टोक्स की टिप्पणी ने इस बहस को और हवा दी है। अब देखना यह है कि आने वाले मैचों में दोनों टीमें इसे कैसे संभालती हैं।
आपकी राय क्या है❓क्या जडेजा ने सही किया या इंग्लैंड की नाराज़गी जायज़ है? अपनी राय नीचे कमेंट में बताएं।
Please follow my website and Facebook page
Match Samachar ✅ 💯
0 टिप्पणियाँ