जसप्रीत बुमराह के वर्कलोड मैनेजमेंट को लेकर छिड़ी बहस, पूर्व भारतीय दिग्गज ओपनर ने रखी राय
भारतीय तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह इस समय विश्व क्रिकेट के सबसे भरोसेमंद और खतरनाक गेंदबाज़ माने जाते हैं। हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ चल रही पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ से पहले टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर ने साफ कर दिया था कि बुमराह पूरे पांच मैचों में नहीं खेलेंगे। उन्होंने कहा कि बुमराह को सिर्फ तीन मैचों में ही उतारा जाएगा ताकि उनके वर्कलोड को मैनेज किया जा सके।
इस बयान के बाद से ही भारतीय क्रिकेट फैंस और दिग्गजों के बीच बहस छिड़ गई है। कई लोगों का मानना है कि टीम इंडिया जैसे अहम सीरीज़ में अपने सबसे बड़े मैच विनर को बेंच पर बैठाकर जोखिम उठा रही है, जबकि कुछ लोगों का कहना है कि बुमराह की फिटनेस को लंबे समय तक बनाए रखने के लिए यह फैसला सही है।
गंभीर का बड़ा बयान 🗣️
गंभीर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा – “बुमराह भारतीय क्रिकेट का बहुमूल्य रत्न हैं। हमें उनकी फिटनेस को प्राथमिकता देनी होगी। वह तीन मैच खेलेंगे और जरूरत पड़ने पर टीम की रणनीति के अनुसार उन्हें आराम भी दिया जाएगा।”
पूर्व भारतीय ओपनर की राय
पूर्व भारतीय दिग्गज ओपनर वीरेंद्र सहवाग ने इस मुद्दे पर अपनी राय रखते हुए कहा कि वर्कलोड मैनेजमेंट महत्वपूर्ण है, लेकिन इंग्लैंड जैसी बड़ी सीरीज़ में टीम को अपने बेस्ट प्लेयर को उतारना चाहिए। उन्होंने कहा – “अगर आप अपने सबसे बड़े मैच विनर को बेंच पर बैठाते हैं तो विपक्षी टीम को फायदा मिलता है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि बुमराह जैसे गेंदबाज़ को देखकर विपक्षी बल्लेबाज़ मानसिक दबाव में रहते हैं, ऐसे में उनकी गैरमौजूदगी टीम इंडिया के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है।
फैंस की नाराज़गी
सोशल मीडिया पर भी इस फैसले को लेकर बड़ी बहस छिड़ी हुई है। कुछ फैंस का मानना है कि बुमराह को लगातार खेलने से उनकी चोटें बढ़ सकती हैं, जबकि अन्य फैंस कहते हैं कि टेस्ट क्रिकेट की असली खूबसूरती तभी है जब टीम अपने बेस्ट खिलाड़ियों के साथ मैदान पर उतरे।
बुमराह का करियर और चोटें
जसप्रीत बुमराह का करियर अब तक शानदार रहा है, लेकिन चोटों ने कई बार उनकी राह में बाधा डाली है। उन्होंने कमर और पीठ की चोट के कारण लंबे समय तक क्रिकेट से दूरी बनाई थी। 2022-23 में भी वह कई सीरीज़ से बाहर रहे। टीम इंडिया इस बार वही गलती नहीं दोहराना चाहती, इसलिए उन्हें सोच-समझकर इस्तेमाल किया जा रहा है।
वर्कलोड मैनेजमेंट की ज़रूरत
आधुनिक क्रिकेट में लगातार मैच, आईपीएल, अंतरराष्ट्रीय सीरीज़ और आईसीसी टूर्नामेंट्स के कारण खिलाड़ियों पर वर्कलोड काफी बढ़ गया है। तेज़ गेंदबाज़ों के लिए यह और भी चुनौतीपूर्ण है क्योंकि उन्हें हर मैच में सैकड़ों गेंद फेंकनी पड़ती हैं। इसी वजह से दुनिया की सभी टीमें अब अपने मुख्य गेंदबाज़ों का वर्कलोड मैनेजमेंट करती हैं।
निष्कर्ष ♦️
जसप्रीत बुमराह का वर्कलोड मैनेजमेंट भले ही विवाद का विषय बन गया हो, लेकिन यह सच है कि उनकी फिटनेस भारत के लिए बेहद अहम है। इंग्लैंड जैसी बड़ी सीरीज़ में उनकी मौजूदगी टीम को मजबूती देती है, वहीं चोट का खतरा भी हमेशा बना रहता है। ऐसे में यह फैसला सही है या गलत, इसका जवाब आने वाले मैचों के प्रदर्शन से ही मिलेगा।
लेखक: Match Samachar टीम
कैटेगरी: क्रिकेट न्यूज़
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